बजट बनाने का एक व्यवस्थित प्रक्रिया होती है जिसमें कई चरण शामिल होते हैं। यह प्रक्रिया न केवल व्यक्तिगत या कॉर्पोरेट बजट के लिए बल्कि सरकारी बजट के लिए भी महत्वपूर्ण होती है। यहाँ सरकारी बजट बनाने के चरणों का विवरण दिया गया है:
बजट बनाने के चरण
- विभागीय प्रस्ताव (Departmental Proposals):
- विभिन्न सरकारी विभाग अपने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए बजट प्रस्ताव तैयार करते हैं।
- ये प्रस्ताव उनकी आवश्यकताओं, योजनाओं, परियोजनाओं, और पूर्वानुमानित खर्चों पर आधारित होते हैं।
- मंत्रालयीय समीक्षा (Ministerial Review):
- वित्त मंत्रालय या बजट विभाग विभिन्न विभागों से प्राप्त प्रस्तावों की समीक्षा करता है।
- विभागों द्वारा प्रस्तुत बजट आवेदनों को उनके आवंटन और प्रासंगिकता के आधार पर संशोधित और समायोजित किया जाता है।
- प्रारंभिक बजट प्रारूप (Preliminary Budget Draft):
- वित्त मंत्रालय एक प्रारंभिक बजट प्रारूप तैयार करता है जिसमें सभी विभागीय प्रस्ताव और उनके संशोधन शामिल होते हैं।
- यह प्रारूप सरकार की राजस्व आय और व्यय का एक समेकित दृष्टिकोण प्रदान करता है।
- कैबिनेट की मंजूरी (Cabinet Approval):
- प्रारंभिक बजट प्रारूप को कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाता है।
- कैबिनेट बजट के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करती है और आवश्यकतानुसार संशोधन करती है।
- मंजूरी मिलने के बाद, बजट को अंतिम रूप दिया जाता है।
- संसद में प्रस्तुति (Presentation to Parliament):
- वित्त मंत्री संसद में बजट पेश करते हैं।
- बजट भाषण के माध्यम से वित्तीय योजनाओं, नीतियों और आवंटनों का विवरण दिया जाता है।
- बजट दस्तावेज में राजस्व और व्यय का विस्तृत विवरण होता है।
- संसदीय बहस और समीक्षा (Parliamentary Debate and Review):
- संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) में बजट पर बहस होती है।
- सांसद बजट के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हैं और अपने सुझाव और आपत्तियाँ प्रस्तुत करते हैं।
- वित्त मंत्रालय सांसदों के प्रश्नों का उत्तर देता है और आवश्यकतानुसार संशोधन करता है।
- मंजूरी और पारित (Approval and Passage):
- संसद द्वारा बजट पर मतदान किया जाता है।
- दोनों सदनों से मंजूरी मिलने के बाद, बजट विधेयक कानून बन जाता है।
- यह प्रक्रिया वित्तीय विधेयकों (Finance Bill) और विनियोग विधेयकों (Appropriation Bill) के माध्यम से पूरी होती है।
- कार्यान्वयन (Implementation):
- बजट पारित होने के बाद, विभिन्न विभाग और मंत्रालय अपनी योजनाओं और परियोजनाओं को लागू करने के लिए आवंटित धन का उपयोग करते हैं।
- वित्त मंत्रालय बजट के कार्यान्वयन की निगरानी करता है और सुनिश्चित करता है कि धन का सही और प्रभावी उपयोग हो रहा है।
- नियंत्रण और समीक्षा (Control and Review):
- बजट के कार्यान्वयन के दौरान नियमित रूप से समीक्षा और निगरानी की जाती है।
- वित्त मंत्रालय यह सुनिश्चित करता है कि बजट में निर्धारित लक्ष्यों और नीतियों को पूरा किया जा रहा है।
- वित्तीय प्रदर्शन की समीक्षा के लिए वार्षिक लेखा परीक्षा (Annual Audit) की जाती है।
बजट बनाने की प्रक्रिया एक जटिल और बहुस्तरीय प्रक्रिया है जिसमें कई चरण शामिल होते हैं। यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करती है कि वित्तीय संसाधनों का सही और प्रभावी उपयोग हो और सरकार की नीतियाँ और योजनाएँ सुचारू रूप से कार्यान्वित हों। एक व्यवस्थित और सही तरीके से बनाया गया बजट आर्थिक स्थिरता, विकास और सामाजिक कल्याण के लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।