
स्टॉक मार्केट में चार्ट समय अवधि (Time Frames) का महत्व बहुत बड़ा है क्योंकि यह निवेशकों और ट्रेडर्स को विभिन्न समय अवधियों में बाजार के रुझानों और गतिविधियों को समझने में मदद करता है। समय अवधि के आधार पर चार्ट्स को अलग-अलग तरीकों से देखा और विश्लेषित किया जा सकता है। यहां समय अवधि से जुड़ी कुछ मुख्य बातें दी जा रही हैं:
चार्ट समय अवधि (Time Frames)
1. इंट्राडे (Intraday) Time Frames
- 1 मिनट (1-Minute Chart): हर मिनट के बाद एक नई कैंडल बनती है। अल्ट्रा-शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स द्वारा उपयोग किया जाता है।
- 5 मिनट (5-Minute Chart): हर पांच मिनट के बाद एक नई कैंडल बनती है। स्कैल्पर्स और शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स द्वारा पसंद किया जाता है।
- 15 मिनट (15-Minute Chart): हर पंद्रह मिनट के बाद एक नई कैंडल बनती है। इंट्राडे ट्रेडर्स के लिए सामान्य है।
- 30 मिनट (30-Minute Chart): हर तीस मिनट के बाद एक नई कैंडल बनती है। स्विंग ट्रेडर्स और डे ट्रेडर्स के लिए उपयोगी है।
- 1 घंटा (Hourly Chart): हर घंटे के बाद एक नई कैंडल बनती है। अधिक स्थिरता के लिए इंट्राडे ट्रेडर्स द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
2. शॉर्ट-टर्म (Short-Term) Time Frames
- 4 घंटे (4-Hour Chart): हर चार घंटे के बाद एक नई कैंडल बनती है। स्विंग ट्रेडर्स के लिए अच्छा विकल्प है।
- दैनिक (Daily Chart): हर दिन के बाद एक नई कैंडल बनती है। स्विंग ट्रेडर्स और शॉर्ट-टर्म निवेशकों द्वारा पसंद किया जाता है।
3. मध्यम-टर्म (Medium-Term) Time Frames
- साप्ताहिक (Weekly Chart): हर सप्ताह के बाद एक नई कैंडल बनती है। मध्यम अवधि के निवेशकों के लिए उपयुक्त है।
- मासिक (Monthly Chart): हर महीने के बाद एक नई कैंडल बनती है। दीर्घकालिक निवेशकों द्वारा उपयोग किया जाता है।
4. दीर्घकालिक (Long-Term) Time Frames
- तिमाही (Quarterly Chart): हर तिमाही (तीन महीने) के बाद एक नई कैंडल बनती है। दीर्घकालिक निवेश के लिए उपयुक्त।
- वार्षिक (Yearly Chart): हर वर्ष के बाद एक नई कैंडल बनती है। दीर्घकालिक निवेशकों और संस्थागत निवेशकों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
समय अवधि के अनुसार चार्ट का महत्व
- रुझान पहचानना (Trend Identification):
- विभिन्न समयावधियों के चार्ट का उपयोग करके बाजार के दीर्घकालिक और अल्पकालिक रुझानों को पहचाना जा सकता है।
- छोटे समयावधि के चार्ट तात्कालिक और तेजी से होने वाले मूवमेंट्स को दर्शाते हैं, जबकि बड़े समयावधि के चार्ट दीर्घकालिक रुझानों को स्पष्ट करते हैं।
- वोलाटिलिटी और रिस्क का आकलन (Volatility and Risk Assessment):
- छोटे समयावधि के चार्ट वोलाटिलिटी को अधिक स्पष्ट रूप से दिखाते हैं, जिससे ट्रेडर्स तात्कालिक अवसरों और रिस्क का आकलन कर सकते हैं।
- बड़े समयावधि के चार्ट्स अधिक स्थिरता प्रदान करते हैं और दीर्घकालिक निवेश के लिए उपयुक्त होते हैं।
- ट्रेडिंग रणनीतियाँ (Trading Strategies):
- इंट्राडे और शॉर्ट-टर्म ट्रेडर्स तेजी से मूवमेंट्स का फायदा उठाने के लिए छोटे समयावधि के चार्ट्स का उपयोग करते हैं।
- स्विंग ट्रेडर्स और मध्यम-दीर्घकालिक निवेशक बड़े समयावधि के चार्ट्स का उपयोग करते हैं ताकि बड़े रुझानों का फायदा उठा सकें।
समय अवधि का चयन ट्रेडर या निवेशक की रणनीति, जोखिम सहिष्णुता, और निवेश उद्देश्यों पर निर्भर करता है। विभिन्न समयावधियों के चार्ट्स का उपयोग करके एक समग्र और संतुलित दृष्टिकोण प्राप्त किया जा सकता है।
