
मूविंग एवरेज चैनल इंडिकेटर (Moving Average Channel Indicator) भी एक महत्वपूर्ण तकनीकी विश्लेषण उपकरण है जिसे ट्रेडर्स ट्रेंड्स और बाजार की दिशा का निर्धारण करने के लिए उपयोग करते हैं। यह इंडिकेटर मूविंग एवरेज पर आधारित होता है और इसमें चैनल (या बैंड) शामिल होते हैं जो बाजार की कीमतों के चारों ओर होते हैं।
मूविंग एवरेज चैनल इंडिकेटर के प्रमुख बिंदु:
- मूल संरचना:
- सेंट्रल मूविंग एवरेज (CMA): यह चैनल का मध्य बिंदु होता है और यह साधारण या एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज हो सकता है।
- अपर बैंड: यह मूविंग एवरेज के ऊपर एक निश्चित दूरी पर होता है।
- लोअर बैंड: यह मूविंग एवरेज के नीचे एक निश्चित दूरी पर होता है।
- चैनल की चौड़ाई: अपर और लोअर बैंड की दूरी मूविंग एवरेज से कितनी होनी चाहिए, इसे निर्धारण करने के लिए साधारणत: ATR (Average True Range) या किसी अन्य वोलैटिलिटी इंडिकेटर का उपयोग किया जाता है।
- प्रयोजन: यह इंडिकेटर ट्रेडर्स को बाजार के ट्रेंड्स और संभावित ब्रेकआउट्स की पहचान करने में मदद करता है। जब कीमत चैनल के बैंड्स को पार करती है, तो यह संभावित ट्रेंड रिवर्सल या ब्रेकआउट का संकेत हो सकता है।
मूविंग एवरेज चैनल इंडिकेटर कैसे काम करता है?
- मध्य मूविंग एवरेज: सबसे पहले, किसी निश्चित अवधि का मूविंग एवरेज (जैसे 20-दिन का साधारण मूविंग एवरेज) की गणना की जाती है।
- चैनल बैंड्स: इसके बाद, मूविंग एवरेज से ऊपर और नीचे एक निश्चित दूरी पर बैंड्स बनाए जाते हैं। यह दूरी ATR या किसी अन्य वोलैटिलिटी मापदंड के आधार पर हो सकती है।
- प्रयोग:
- ब्रेकआउट्स: यदि कीमत अपर बैंड को पार करती है, तो यह एक बुलिश ब्रेकआउट का संकेत हो सकता है। इसी प्रकार, यदि कीमत लोअर बैंड को पार करती है, तो यह एक बियरिश ब्रेकआउट का संकेत हो सकता है।
- ट्रेडिंग सिग्नल्स: चैनल के भीतर कीमत का मूवमेंट ट्रेडर्स को संभावित एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स का संकेत देता है।
उदाहरण:
मान लीजिए कि आपके पास 20-दिन का साधारण मूविंग एवरेज है और आप 2ATR (Average True Range) का उपयोग करके बैंड्स बना रहे हैं। यदि 20-दिन का मूविंग एवरेज 100 है और 2ATR 10 है, तो अपर बैंड 110 (100 + 10) होगा और लोअर बैंड 90 (100 – 10) होगा।
